संविदा कर्मचारियों की सैलरी में होगा उछाल! 8वें वेतन आयोग में शामिल करने की मांग तेज Outsource Employees Demand News

Outsource Employees Demand News: संविदा कर्मचारियों की सैलरी बढ़ाने की मांग को लेकर बड़ा मामला सामने आया है। संविदा कर्मचारी चाहते हैं कि उनको भी 8वें वेतन आयोग में शामिल किया जाए, और इनकी ये चाहत दिन प्रति दिन तेज होती जा रही है तो आइए विस्तार पूर्वक समझते हैं की क्या है यह पूरा मामला और आउटसोर्स कर्मचारी क्या चाहते हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मध्य प्रदेश के अलग-अलग सरकारी विभागों में लाखों संविदा और आउटसोर्स कर्मचारी वर्तमान में काम कर रहे हैं। जिनकी मांग है कि उनको भी आठवा वेतन आयोग में शामिल किया जाए और इस मांग के लिए कर्मचारियों ने सरकार को चेतावनी भी दे है कि अगर उनकी मांगे पूरी नहीं की गई तो वह मध्य प्रदेश के तमाम संविदा और आउटसोर्स कर्मचारी के साथ प्रदेशव्यापी आंदोलन शुरू कर देंगे।

कर्मचारियों का कहना है कि देश में महंगाई दिन प्रति दिन इतनी तेजी से बढ़ती रही है लेकिन हमारा सैलरी उतना ही का उतना है, हमारे साथ ऐसा अन्याय क्यों हो रहा है। हमें भी बाकी सरकारी कर्मचारियों के जैसा आठवी वेतन आयोग के तहत सैलरी बड़वानी है।

आपमें से काफी लोगों को पता नहीं होगा की ये 8वां वेतन आयोग क्या है और इसकी मांग क्यों हो रही है, आपकी जानकारी के लिए बता दें कि केंद्र सरकार ने जनवरी 2025 में भारत के तमाम सरकारी कर्मचारी और पेंशन धारकों के लिए आठवी वेतन आयोग की घोषणा कर दी थी। इस वेतन आयोग के तरन तमाम सरकारी कर्मचारियों और पेंशन धारकों की सैलरी में बढ़ोतरी होगी। रिपोर्ट के अनुसार आठवीं वेतन आयोग के तहत भारत के तकरीबन 48 लाख से अधिक सरकारी कर्मचारी और 57 लाख से अधिक पेंशन धारकों को इसका सीधा फायदा मिलेगा। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक आठवां वेतन आयोग 2026 में पूरी तरह लागू किया जा सकता है, इस वेतन आयोग से सरकारी कर्मचारी और पेंशन धारकों की सैलरी बड़ा उछाल देखने को मिल सकता है।

8वे वेतन आयोग की मांग तेज

मध्य प्रदेश के तमाम संविदा और आउटसस कर्मचारियों का सरकार से कहना है कि हम सरकारी विभागों में सालों से कम कर रहे हैं और हमारा वेतन भी काफी कम है लेकिन अब ऐसा नहीं होगा हमें न्याय चाहिए। हमे भी बाकी सरकारी कर्मचारियों के जैसी सैलरी और सुविधा चाहिए। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक संघर्ष मोर्चे के संयोजक मनोज भार्गव और कृष्ण गोपाल पुरोहित ने केंद्र सरकार में अपील की है कि इन कर्मचारियों की भी आठवी वेतन आयोग में शामिल किया जाए और जैसे सरकारी कर्मचारी और पेंशन धारकों की सैलरी में वृद्धि होगी वैसे ही इनकी सैलरी में भी वृद्धि होना चाहिए। आउटसोर्स कर्मचारी के संगठन का कहना है कि भारत में महंगाई दिन प्रतिदिन लगातार बढ़ रही है लेकिन संविदा कर्मचारियों की सैलरी में कोई बढ़ोतरी नहीं है वह वैसा का वैसा ही पड़ा हुआ है। महंगाई के कारण आउटसोर्स कर्मचारियों के रोजमर्रा के जीवन में काफी मुश्किलें बढ़ रहे हैं।

संगठन ने सरकार से फिटमेंट फैक्टर बढ़ाने की मांग की है। आउटसोर्स कर्मचारी के संगठन का कहना है कि उनका भी न्यूनतम वेतन सीमा 41,000 प्रति महीना से लेकर 51 हजार रुपए प्रति महीना तक किया जाना चाहिए ताकि तमाम आउटसोर्स कर्मचारी को वास्तविक राहत मिल सके और इस बढ़ती हुई महंगाई में मुश्किल थोड़ा कम हो सके। संगठन का कहना है कि मध्य प्रदेश के अलग-अलग सरकारी विभागों में लाखों संविदा और आउटसोर्स कर्मचारी वर्तमान में काम कर रहे हैं। अगर इनकी सैलरी में बढ़ोतरी नहीं हुई, समय पर वेतन नहीं मिला और कोई भी सुरक्षा या सुविधा नहीं दी गई तो तमाम कर्मचारियों ने बड़ा आंदोलन करने का फैसला किया है। यदि सरकार ने जल्द से जल्द इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया तो कर्मचारी प्रदेशव्यापी आंदोलन शुरू करेंगे।

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